Biography of Dr B R Ambedkar in Hindi। डॉ बाबा साहब भीम रॉय अंबेडकर का जीवनी हिन्दी
Biography of Dr B R Ambedkar in Hindi
नाम | भीमराव रामजी आंबेडकर |
पिता | रामजी मालोजी सकपाल |
माता | भीमाबाई |
पत्नी | रमाबाई आंबेडकर (इसवी 1906 से 1935 मृत्यु ) |
जन्म स्थान | महू (मध्य प्रांत ब्रिटिश भारत ) अब मध्य प्रदेश में है |
बचपन का नाम | भिवा, भीम, भीमराव |
दूसरा प्रसिद्ध नाम | बाबासाहेब आंबेडकर |
जाति | हिंदू में महार |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
धर्म | बौद्ध धर्म ( बचपन में घरवाले कबीरपंथी थे ) |
शिक्षा | बी०ए० मुंबई विश्वविद्यालय से,
|
व्यवसाय \ पेशा | शिक्षाविद, दार्शनिक, लेखक, राजनीतिज्ञ, धर्मशास्त्री, प्रोफेसर,इतिहासविद, विधिवेत्ता, समाजशास्त्री इत्यादि |
मृत्यु | 6 दिसंबर 1956 |
स्थान | डॉ आम्बेडकर राष्ट्रीय स्मारक नई दिल्ली (भारत ) |
उम्र | 65 वर्ष |
भीमराव रामजी आंबेडकर का राजनीतिक जीवन:
मुंबई विधान परिषद के सदस्य (1926 से 1936 )
- मुंबई विधानसभा के सदस्य (1937 से 1942 )
- मुंबई विधानसभा के विरोधी राजनेता (1937 से 1942)
- श्रम मंत्री वायसराय की कार्यपरिषद (जुलाई 1942 से 1946)
- भारतीय संविधान सभा की मसौदा समिति के अध्यक्ष ( 29 अगस्त 1947 से 24 जनवरी 1950)
- भारत के प्रथम कानून एवं न्याय मंत्री (15 अगस्त 1947 से सितंबर 1951)
- राज्यसभा के सदस्य मुंबई राज्य ( 3 अप्रैल 1952 से 6 दिसंबर 1956 )
Biography of Dr B R Ambedkar in Hindi
भीमराव रामजी आंबेडकर का शुरुआती जीवन:
भीमराव रामजी आंबेडकर का नाम भीमराव सतपाल था क्योंकि सकपाल इनका उपनाम था। इनके पिता जी का नाम रामजी सकपाल था। जब भीमराव के पिताजी इनका नाम सतारा ( महाराष्ट्र का एक नगर ) के हाई स्कूल में लिखवाने जा रहे थे। Biography of Dr B R Ambedkar in Hindi
तब उन्होंने सकपाल के जगह पर इनका उपनाम आंबडवेकर करवा दिया था। यह उपनाम उनके गांव अंबाडवे से संबंधित था। आगे चलकर भीमराव के एक शिक्षक जिनका नाम कृष्ण केशव था उनको भीमराव से बहुत लगाव हो गया था । Biography of Dr B R Ambedkar in Hindi
वे उन्हें (भीमराव ) को आंबडवेकर की जगह पर आम्बेडकर कहने लगे और अपने अनुसार भीमराव के नाम के साथ उनका उपनाम आंबडवेकर के जगह पर आम्बेडकर जोड़ दिए । अब भीमराव का पूरा नाम बन गया भीमराव आम्बेडकर जिन्हें हम बी० आर० आम्बेडकर के नाम से भी जानते हैं ।Biography of Dr B R Ambedkar in Hindi
भीमराव आम्बेडकर अपने 14 भाई-बहनों में सबसे छोटे थे। ऐसे तो इनके पिता जी रामजी सकपाल ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी में काम करते थे और सूबेदार के पद तक पहुंचे थे। इनकी माता जी भीमाबाई एक कुशल गृहिणी थी। Biography of Dr B R Ambedkar in Hindi
इस कारण भीमराव अंबेडकर के घर में अभाव तो नहीं था लेकिन चुकी यह महार जाति के थे जिसे अछूत जाति मानी जाती थी इस कारण उन्हें और उनके परिवार को काफी । Biography of Dr Bhim Roy Ambedkar in Hindi
कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। जब वह स्कूल पढ़ने जाते थे तब भी इन्हें अपनी जाति के कारण बहुत अपमान और कष्ट को झेलना पड़ता था। Biography of Dr B R Ambedkar in Hindi
भीमराव रामजी आंबेडकर का शिक्षा:

जैसा कि हम सभी जानते हैं 7 नवंबर को महाराष्ट्र में विद्यार्थी दिवस के रूप में मनाया जाता है। क्योंकि 7 नवंबर 1900 कोही भीमराव आंबेडकर का शिक्षण जीवन शुरू हुआ था। इनके प्राथमिक विद्यालय का नाम शासकीय हाई स्कूल था (वर्तमान में प्रताप सिंह हाई स्कूल )। चुकी भीमराव आंबेडकर महार जाति के थे जो कि अछूत मानी जाती थी तो उन्हें काफी संघर्ष का सामना करना पड़ा था। Biography of Dr B R Ambedkar in Hindi
जब वह चौथी क्लास में अच्छे नंबर से पास हुए (वो भी अंग्रेजी माध्यम से ) तो यह महार जाति के लिए एक उत्सव का दिन था । क्योंकि उन दिनों अछूतों के साथ बहुत ही बुरा वयवहार किया जाता था । और ऐसे में भीमराव एक अंग्रेजी स्कूल में पढ़ते थे और अपनी क्लास में अच्छे नंबर से पास हुए थे तो एक समारोह रखा गया था ।Biography of Dr B R Ambedkar in Hindi
और इसी समारोह में इन्हें भेंट के रूप में “बुद्ध की जीवनी” दी गई जिसे पढ़कर भीमराव गौतम बुध और बौद्ध धर्म से प्रभावित हुए। फिर 1960 में मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद एलिफिस्टन कॉलेज से (मुंबई विश्वविद्यालय)1912 तक अर्थशास्त्र और राजनीतिक विज्ञान में कला स्नातक ( बी० ए० ) पास किए । इन सबके बीच 15 वर्ष की उम्र में 9 साल की लड़की से जिनका नाम रमाबाई था भीमराव की शादी करवा दी गई। उन दिनों भारत में बाल विवाह आम बात थी ।Biography of Dr B R Ambedkar in Hindi
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1913 को इनके पिताजी की मृत्यु हो गई तो बी० ए० करने के बाद 1 साल व बड़ौदा राज्य सरकार के साथ काम करने लगे और उन्हें 22 साल की उम्र में संयुक्त राज्य अमेरिका जाने का मौका मिला। वहां उन्हें बड़ौदा के गायकवाड परिवार के एक योजना के अनुसार 11.50 डॉलर प्रतिमा की छात्रवृत्ति दी गई ।Biography of Dr B R Ambedkar in Hindi
जिसके द्वारा न्यूयार्क में स्थित कोलंबिया विश्वविद्यालय से उन्होंने एम० ए० की डिग्री प्राप्त की। फिर अर्थशास्त्र से पीएचडी किए और लंदन में ग्रेज इन में बैरिस्टर कोर्स (जिसे विधि अध्ययन भी कहा जाता है ) उपाधि लिए । और इसके अलावा उन्होंने और भी डिग्रियां शोध प्राप्त कर अपना और भारत का नाम विश्व भर में फैलाया । Biography of Dr B R Ambedkar in Hindi
भीमराव रामजी आंबेडकर का छुआछूत और आंबेडकर:

भीमराव आंबेडकर खुद छुआछूत को इतना झेल चुके थे कि वह अछूत जाति के कष्ट को समझ सकते थे । और इसका प्रभाव किस तरह आजादी के रास्ते का कांटा बन रहा था Biography of Dr B R Ambedkar in Hindi
यह भी देख सकते थे और समझ सकते थे । इसलिए उन्होंने कहा था “छुआछूत गुलामी से भी बदतर है” । जैसा कि हम लोग पहले ही आंबेडकर की शिक्षा के बारे में पढ़ चुके हैं कि इनकी उच्च शिक्षा बड़ौदा रियासत के कारण संभव हो पाया था । Biography of Dr B R Ambedkar in Hindi
तो आगे चलकर वे महाराजा गायकवाड के सैन्य सचिव चुने गए थे ।लेकिन यहां भी उनकी जाति और अछूत का कलंक उनका पीछा नहीं छोड़ा और अत्याधिक भेदभाव होने के कारण उन्हें यह नौकरी छोड़ना परा । लेकिन अब परिवार का दायित्व इनके ऊपर था । Biography of Dr B R Ambedkar in Hindi
तो वह एक निजी शिक्षक बने एक व्यवसाय शुरू किए जिसमें वह लोगों को यह बताते थे कि आप अपना पैसा कहां लगा सकते हैं । लेकिन उनके जाति के कारण कोई भी काम सफल नहीं हो पा रहा था । फिर आंबेडकर राजनीतिक अर्थशास्त्र के प्रोफेसर के रूप में नियुक्त हुए और बच्चों यानी कि छात्रों के बीच काफी लोकप्रिय हुए। लेकिन प्रोफेसरों ने उनके साथ खाने पीने से मना कर दिया । अब समय आ गया था जब भीमराव आंबेडकर छुआछूत के खिलाफ खड़े होना शुरू कर चुके थे । Biography of Dr B R Ambedkar in Hindi
इसलिए जब उन्हें साउथबरो समिति के पास एक विद्वान के रूप में बुलाया गया तो आंबेडकर ने यह मांग की कि दलितों के लिए एक अलग निर्वाचित क्षेत्र और आरक्षण दी जाए । भीमराव ने मूकनायक नाम का सप्ताहिक पत्रिका शुरू किया था जो बहुत ही जल्द लोकप्रिय हो गया। इसमें भी आंबेडकर ने छुआछूत के कारण हो रहे अमानवीयता पर प्रकाश डाला था और जो भी इसके पक्षधर थे उनसे सवाल-जवाब किए थे । चुके आंबेडकर एक वकील भी थे । Biography of Dr B R Ambedkar in Hindi
तो जब यह मुंबई हाईकोर्ट में अभ्यास कर रहे थे तो वहां भी वो अक्सर दलितों के हितों में सवाल उठाते रहते थे जैसे :- अछूतों को पढ़ने का अवसर मिलना चाहिए, इन्हें ऊपर उठाना चाहिए क्योंकि यह लोग दबे कुचले इस देश के एक कोना में पड़े रहने को विवश है इत्यादि। अछूत वर्ग के लोगों को मंदिर के अंदर जाने की अनुमति नहीं होती थी ।
1930 में आंबेडकर ने कालाराम मंदिर सत्याग्रह शुरू किया ( कालाराम नासिक महाराष्ट्र का एक मंदिर है जहां भगवान राम की पूजा होती है ) । इस सत्याग्रह में लगभग 15000 लोग जिसमें औरतें और पुरुष भी थे भगवान राम को देखने की इच्छा लेकर चल पड़े जिसका नेतृत्व भीमराव अंबेडकर कर रहे थे। लेकिन जब तक वह लोग वहां पहुंचे ब्राह्मणों के द्वारा मंदिर का द्वार बंद किया जा चुका था । Biography of Dr B R Ambedkar in Hindi
भीमराव रामजी आंबेडकर का पूना पैक्ट:
पूना पैक्ट या पूना समझौता का अछूतों को अधिकार दिलवाने में एक महत्वपूर्ण योगदान है । लेकिन इसकी पटकथा बहुत ही पहले से लिखी जा रही थी ।1930 तक भीमराव आंबेडकर का कद काफी बढ़ चुका था वह अछूतों के मसीहा बन चुके थे । Biography of Dr B R Ambedkar in Hindi
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अब अछूतों को उनका अधिकार मिले यह भीमराव का उद्देश्य बन गया था । उन्होंने अब तक सभी महत्वपूर्ण नेताओं और अधिकारियों के सामने अछूत समुदाय के समस्याओं को रखा और बता चुके थे । डॉ बाबा साहब भीम रॉय अंबेडकर का जीवनी हिन्दी । Biography of Dr B R Ambedkar in Hindi
लेकिन उन्हें संतुष्ट कार्यवाही या जवाब नहीं मिल रहा था । इस कारण वह कांग्रेस और ब्रिटिश सरकार दोनों का आलोचना कर चुके थे और वे चाहते थे कि अछूत समुदाय के लिए अलग निर्वाचन हो लेकिन गांधीजी को लगता था कि अगर ऐसा हुआ हिंदू समाज दो भागों में बांट जाएगा । Biography of Dr B R Ambedkar in Hindi
1932 को जो ब्रिटिश भी अंबेडकर के विचारों से सहमत होकर और अछुतो को अलग निर्वाचिका देने की घोषणा की तो गांधीजी ने पहले प्रधानमंत्री से पत्र के माध्यम से इसे बदलवाने की मांग की किए लेकिन जब उनका मांग नहीं माना गया तो गांधीजी मरण व्रत (यानी कि जब तक यह फैसला नहीं माना जाएगा वह अनशन करेंगे ) का ऐलान कर दिया । शुरू में तो भीमराव आंबेडकर उनकी बातों को मानने के पक्ष में नहीं थे। Biography of Dr B.R Ambedkar in Hindi
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लेकिन धीरे-धीरे गांधीजी की स्थिति बिगड़ने लगा और अंत में आंबेडकर 1932 को गांधी जी से मिलने येरवडा जेल पहुंचे और वहां गांधीजी और आंबेडकर के बीच समझौता हुआ कि आंबेडकर अलग निर्वाचन क्षेत्र के अधिकार को छोड़ देंगे । लेकिन कम्युनल अवार्ड ने अछूतों के लिए जो 78 सीटें आरक्षित की थी उसे बढ़ाकर 148 करवा करवा लिया और यही समझौता पूना पैक्ट के नाम से जाना गया। डॉ बाबा साहब भीम रॉय अंबेडकर का जीवनी हिन्दी Biography of Dr B.R Ambedkar in Hindi
भीमराव रामजी आंबेडकर का राजनैतिक जीवन:
भीमराव आंबेडकर का राजनीतिक जीवन काफी लम्बा रहा इनका राजनीतिक सफर 1926 से लेकर के 1956 तक रहा । जिसमें वह अलग-अलग पदों पर रहे। डॉ बाबा साहब भीम रॉय अंबेडकर का जीवनी हिन्दी Biography of Dr B.R Ambedkar in Hindi
राजनीति में इनके व्यक्तित्व का पता इसी से चलता है कि 1926 में मुंबई के गवर्नर ने खुद इन्हें मुंबई विधान परिषद के सदस्य के रूप में नामित किया था । भीमराव मुंबई वर्तमान में मुंबई के स्थाई निवासी बन चुके थे उनके घर का नाम राजगृह था । Biography of Dr B.R Ambedkar in Hindi
आबेडकर के घर में एक छोटी सी पुस्तकालय थी जिसमें 50,000 से अधिक किताबें थी । उस समय यह दुनिया का सबसे बड़ा निजी पुस्तकालय था । इसी बीच 27 मई 1935 को इनकी पहली पत्नी ( रमाबाई ) जो काफी लंबे समय से बीमार थी। Biography of Dr B.R Ambedkar in Hindi
उनका निधन हो गया था । फिर 15 अप्रैल 1948 को भीमराव ने डॉक्टर शारदा कबीर से दूसरी शादी की और इनका नाम बदल कर सविता आम्बेडकर हो गया । डॉ बाबा साहब भीम रॉय अंबेडकर का जीवनी हिन्दी Biography of Dr B.R Ambedkar in Hindi
क्योकि पहली पत्नी के देहांत के बाद वो काफी अकेले हो गये थे। और डॉक्टर ने उन्हें कहा की आपको एक साथी की जरुरत है जो आपको समझे और समय समय पर आपकी देखबाल करे। Biography of Dr B.R Ambedkar in Hindi
इनकी दूसरी पत्नी साबित आम्बेडकर बिलकुल वैसी ही थी । स्वतंत्र पार्टी की स्थापना 1936 में भीमराव आंबेडकर के द्वारा ही किया गया था और उनकी पार्टी ने 1930 में हुए केंद्रीय विधानसभा के चुनाव में कुल 13 सीटें जीती और आंबेडकर को विधायक के रूप में चुना गया । 1942 में ऑल इंडिया शेड्यूल कास्ट फेडरेशन नामक संस्था का स्थापना किए जिसका काम दलित समुदाय के अधिकारों के लिए लड़ना था ।Biography of Dr B.R Ambedkar in Hindi
और इसी समय 1942 से 1946 के दौरान भीमराव रक्षा सलाहकार समिति और वायसराय की कार्यकारी परिषद में श्रम मंत्री के रूप में सेवारत रहे । 1952 में आंबेडकर राज्यसभा के सदस्य के रुप में आए। राज्यसभा सदस्य के रूप में उनका पहला कार्यकाल 3 अप्रैल 1952 से 2 अप्रैल 1956 के बीच था और दूसरा कार्यकाल 3 अप्रैल 1956 से 2 अप्रैल 1962 तक पूरा होता लेकिन कार्यकाल खत्म होने के पहले 6 दिसंबर 1956 को आंबेडकर हम सब को छोड़ कर चले गए। Biography of Dr B.R Ambedkar in Hindi
भीमराव रामजी आंबेडकर का धर्म परिवर्तन:
हिंदू धर्म में रहते हुए भीमराव आंबेडकर इस धर्म में जो आडम्बर था उसे हर स्तर से सुधारने का हर संभव प्रयास किए और कोशिश किए की सभी जाति को समानता और सम्मान मिले। Biography of Dr B.R Ambedkar in Hindi
लेकिन उच्च वर्ग के हिंदुओं का दिल और दिमाग में कोई परिवर्तन ना कर पाए । इसके विपरीत इनका ही विरोध होने लगा और इन्हें ही हिंदू धर्म का विनाशक तक कहा गया। इसके बाद ही भीमराव आंबेडकर ने कहा था । Biography of Dr B.R Ambedkar in Hindi
कि “हमने हिंदू समाज में समानता का स्तर प्राप्त करने के लिए हर तरह के प्रयत्न और सत्याग्रह किए, परंतु सब निरर्थक सिद्ध हुए हिंदू समाज में समानता के लिए कोई स्थान नहीं है” उन्होंने कहा कि हिंदू समाज का यह कहना था Biography of Dr B.R Ambedkar in Hindi
कि “मनुष्य धर्म के लिए है” जबकि आंबेडकर का मानना था कि “धर्म मनुष्य के लिए है” आंबेडकर ने कहा कि ऐसे धर्म का कोई मतलब नहीं है जिसमें मनुष्यता का कुछ भी मूल्य नहीं। 13 अक्टूबर 1935 को नासिक के पास ही येवला में एक सम्मेलन में आंबेडकर ने धर्म परिवर्तन की घोषणा की । Biography of Dr B.R Ambedkar in Hindi
उन्होंने अपने समर्थकों से भी अपना धर्म बदलने का आवाहन किया । जैसे ही यह खबर पूरे देश में फैला इस्लाम, ईसाई सभी अपना अपना धर्म का प्रस्ताव और करोड़ों रुपए लेकर भीमराव आंबेडकर से मिलने लगे लेकिन आंबेडकर ने सभी को मना कर दिया क्योंकि वह अब ऐसे धर्म को अपनाना चाहते थे।
जहां आडंबर ना हो और मुस्लिम धर्म का तो उन्होंने पहले ही विरोध किया था । धर्म परिवर्तन की घोषणा के बाद आंबेडकर ने सभी धर्मों का गहन अध्ययन किए । चुके बचपन में ही वह बौद्ध धर्म के बारे में पढ़ चुके थे। Biography of Dr B.R Ambedkar in Hindi
और उससे वह प्रभावित भी हुए थे खासकर बौद्ध धर्म के तीन सिद्धांत जो किसी और धर्म में नहीं मिलता था । बौद्ध धर्म में प्रज्ञा (अंधविश्वास और अति प्रकृतिवाद के स्थान पर बुद्धि का प्रयोग ) करुणा ( प्रेम ) और समता ( समानता ) की शिक्षा देता है । फिर 1950 में भीमराव बौद्ध सम्मेलन में भाग लेने से लंका गए ।Biography of Dr B.R Ambedkar in Hindi
1955 में उन्होंने भारतीय बौद्ध महासभा की स्थापना की और आखिरकार 14 अक्टूबर 1956 में नागपुर शहर में डॉक्टर भीमराव आंबेडकर सार्वजनिक धर्मांतरण समारोह का आयोजन किए और अपने साथ-साथ 500000 अनुयायियों को बौद्ध धर्म में परिवर्तित किया।
उन्होंने बौद्ध धर्म में कुछ परिवर्तन भी किए थे । इस बौद्ध धर्म में भीमराव ने कुछ परिवर्तन भी किए थे इसलिए इस बौध धर्म का नाम नवयान बौद्ध धर्म रखा गया। धीरे-धीरे भीमराव अंबेडकर ने कुल 1100000 लोगों को धर्म परिवर्तन करवाया । Biography of Dr B.R Ambedkar in Hindi
निधन:
1948 से आंबेडकर मधुमेह से पीड़ित थे और उनका जीवन काफी समस्याओं से भरा पड़ा था तो उनकी तकलीफ और बढ़ते जा रही थी खासकर जब से वह राजनीति में आए थे रोज नये मुद्दों से परेशान ही रहते थे । और अंत में 6 दिसंबर 1956 को अंबेडकर की मृत्यु दिल्ली में उनके घर पर हुई । फिर उनके पार्थिव शरीर को मुंबई उनके घर राजगृह में लाया गया और 7 दिसंबर को दादर चौपाटी समुद्र तट पर बौद्ध धर्म के अनुसार उनका अंतिम संस्कार किया गया । उनके अंतिम संस्कार को साक्षी मानकर 10,00,000 से अधिक अनुयायियों ने बौद्ध धर्म की दीक्षा ली थी । Biography of Dr B.R Ambedkar in Hindi
रचनाए:
भीमराव आम्बेडकर के द्वारा लिखी गयी कुछ किताबो के नाम :-
- इंडिया एंड कम्युनिज्म
- व्हाट द ब्रह्मांड हैव डन टू द हिंदूज
- अ पीपल ऐटवे
- इसेज ऑफ़ भगवत गीता
- वेटिंग फॉर अवीजा (आत्मकथा ) (1935 से 1936 तक )
- द बुद्ध एंड हिज धम्मा (1957 )
- हु वेयर दी शुद्र्राज ( 1946 )
- रानडे, गाँधी, एंड जिन्नाह (
- अनाइहिलेशन ऑफ कास्ट्स ( 1936 )
- द कैबिनेट मिशन एंड द अनटचेबल्स ( 1946 )
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