PM Pranam Yojna 2024
पीएम प्रणाम योजना 2024
PM Pranam Yojna 2024;-केंद्र सरकार द्वारा देशभर के किसानों को सहायता पहुंचाने के लिए रसायनिक उर्वरकों पर सब्सिडी प्रदान की जाती है। लेकिन अब सरकार के सामने एक समस्या उत्पन्न हो गई है कि किसानों द्वारा रसायनिक उर्वरकों (Chemical Fertilizers) का उपयोग बहुत अधिक किया जाने लगा है। जिसके कारण केंद्र सरकार पर सब्सिडी का बोझ बढ़ता ही जा रहा है। इसी समस्या का समाधान करने के लिए केंद्र सरकार एक योजना को शुरू करने पर विचार कर रही है।
इस योजना का नाम PM Pranam Yojna (पीएम प्रमोशन ऑफ अल्टरनेटिव न्यूट्रिशियंस फॉर एग्रीकल्चर मैनेजमेंट योजना) है। पीएम प्रणाम योजना का मूल उद्देश्य रसायनिक उर्वरकों पर सब्सिडी के बोझ को कम करना है। अगर आप एक किसान हैं तो आप हमारे इस आर्टिकल को नीचे तक अवश्य पढ़ें। क्योंकि हम आपको बताएंगे किPM Pranam Yojna से केंद्र सरकार के साथ-साथ देश के किसान भाइयों को क्या लाभ मिलेगा?
केंद्र सरकार द्वारा पीएम प्रणाम योजना को केमिकल फर्टिलाइजर पर बढ़ती हुए सब्सिडी के बोझ को कम करने के लिए शुरू किया जा रहा है। क्योंकि सरकार पर 2022-23 में सब्सिडी का बोझ 2.25 लाख करोड़ रुपए होने की उम्मीद है। यह पिछले साल के आंकड़ों से 39% अधिक होगा। ‘इंडियन एक्सप्रेस’ की एक रिपोर्ट के अनुसार, पीएम प्रणाम योजना के लिए अलग से कोई बजट निर्धारित नहीं किया जाएगा। इसे उर्वरक विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के तहत मौजूदा उर्वरक सब्सिडी की बचत से वित्त पोषित किया जाएगा।
सब्सिडी बचत का 50% पैसे बचाने वाले राज्यों को अनुदान के रूप में दिए जाएंगे। जिसमें से यह राज्य सरकार अनुदान का 70% गांव, ब्लॉक, और जिला स्तर पर वैकल्पिक उर्वरक उत्पादन इकाइयों को तकनीक अपनाने और वैकल्पिक रूप से संपत्ति निर्माण के लिए उपयोग करेंगे और बचे 30% अनुदान का उपयोग उन किसानों, पंचायतों, किसान उत्पादक संगठनों और स्वयं सहायता समूह को पुरस्कार देने एवं प्रोत्साहित करने के लिए किया जाएगा जो उर्वरक के इस्तेमाल में कमी और जागरूकता पैदा करने में शामिल हों
PM Pranam Yojna 2024 Overview
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पीएम प्रणाम योजना का उद्देश्य |
PM PRANAM Yojana का मुख्य उद्देश्य केंद्र सरकार के ऊपर बढ़ती हुई केमिकल फर्टिलाइजर सब्सिडी के बोझ को कम करना है। क्योंकि हर साल किसानों द्वारा केमिकल फर्टिलाइजर की मांग बढ़ती ही जा रही हैं। ऐसे में केंद्र सरकार के ऊपर सब्सिडी का बोझ हर साल बढ़ता ही जा रहा है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार सरकार ने केंद्रीय बजट 2021-22 में केमिकल फर्टिलाइजर सब्सिडी के रूप में 79530 करोड़ रुपए आवंटित किए थे, जो संशोधित अनुमान में बढ़ाकर 1.40 लाख करोड़ रुपए हो गए हैं और 2021-22 में अंतिम आंकड़ा 1.62 लाख करोड़ रुपए को छू गया है। 2022-23 में सरकार ने 1.05 लाख करोड़ रुपए का बजट रखा है। लेकिन उर्वरक मंत्री ने कहा कि इस साल सब्सिडी का आंकड़ा 2.25 लाख करोड़ रुपए को पार कर सकता है।
अब यह आंकड़ा हर साल ऐसे ही बढ़ता जाएगा। क्योंकि देशभर के किसान भाइयों के द्वारा रासायनिक उर्वरकों का बहुत अधिक मात्रा में उपयोग किया जाने लगा है। इसलिए केंद्र सरकार ने पीएम प्रणाम योजना को शुरू करने पर विचार किया है। इस योजना के माध्यम से सरकार के ऊपर बढ़ती हुई रसायनिक उर्वरक सब्सिडी के बोझ को कम किया जा सकेगा।

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PM PRANAM Yojana का कार्यान्वयन |
- पीएम प्रणाम योजना के लिए अलग से कोई बजट निर्धारित नहीं किया जाएगा यह उर्वक विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के तहत मौजूदा उर्वरक सब्सिडी की बचत से वित्तपोषित की जाएगी।
- केंद्र सरकार द्वारा मौजूदा उर्वरक सब्सिडी बचत का 50% राज्य सरकारों को अनुदान के रूप में दिया जाएगा।
- राज्य सरकार द्वारा अनुदान का 70 फीसदी गांव, ब्लॉक, और जिला स्तर पर वैकल्पिक उर्वरक उत्पादन इकाइयों को तकनीक अपनाने और वैकल्पिक रूप से संपत्ति निर्माण के लिए उपयोग किया जाएगा।
- बचे हुए 30 फीसदी अनुदान को राज्य सरकार उन किसानों, पंचायतों, किसान उत्पादक संगठनों और स्वयं सहायता समूह को पुरस्कार देने एवं प्रोत्साहित करने के लिए करेंगी जो उर्वरक के इस्तेमाल में कमी और जागरूकता पैदा करने के कार्य में शामिल होंगे।
PM PRANAM Yojana के लाभ एवं विशेषताएं |
- पीएम प्रमोशन ऑफ अल्टरनेटिव न्यूट्रिशियंस फॉर एग्रीकल्चर मैनेजमेंट योजना का सीधा लाभ केंद्र सरकार को और साथ ही किसान भाइयों को भी मिलेगा।
- इस योजना के माध्यम से रसायनिक उर्वरकों पर बढ़ती हुई सब्सिडी के बोझ को कम किया जाएगा।
- 2022-23 मे सब्सिडी का बोझ 2.25 लाख करोड़ होने की उम्मीद है जो पिछले साल के आंकड़े से 39% अधिक होगा।
- देशभर में किसानों के द्वारा रसायनिक उर्वरकों का उपयोग बढ़ता ही जा रहा है। इस उपयोग को कम करने और सब्सिडी के बोझ को कम करने के लिए इस योजना को शुरू करने पर विचार किया जा रहा है।
- PM PRANAM Yojana के तहत केंद्र सरकार राज्य सरकारों को गांव, ब्लॉक, जिला स्तर पर वैकल्पिक उर्वरकों और वैकल्पिक उर्वरक उत्पादन इकाइयों को तकनीकी अपनानी से संबंधित संपत्ति निर्माण के लिए अनुदान देगी।
- यह अनुदान उर्वरक विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के तहत मौजूदा उर्वरक सब्सिडी की बचत से वित्तपोषित किया जाएगा।
- रिपोर्ट के मुताबिक केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों, जिन्होंने इस योजना को लेकर विचार किया है उन्होंने राज्य सरकार के अधिकारियों को 7 सितंबर को आयोजित हुए रबी अभियान के लिए कृषि पर राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान प्रस्तावित योजना के बारे में जानकारी साझा की है।
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