Ayodhya Ram Mandir
अयोध्या राम मंदिर
Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या राम मंदिर का उद्घाटन प्रधानमंत्री के द्वारा 22 जनवरी 2024 को की जाएगी। अयोध्या राम मंदिर हिंदुओं के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। इस अयोध्या में भगवान राम का जन्म स्थान हुआ था। अयोध्या की खोज प्राचीन काल में उज्जैन के राजा विक्रमादित्य का शासन पूरे विश्व में फैला हुआ था। हम सुने हैं कि एक बार राजा विक्रमादित्य अपनी सेना के साथ अयोध्या से गुजर रहे थे। इस दौरान उन्हें इस स्थान पर एक अलग सा सकारात्मक ऊर्जा का आवास होता है। वह अपने सेनाओं के साथ प्रयागराज पहुंचे जहां की उनसे ब्रह्मण रूपधारी मिले। और बताया कि जहां से आप आए हैं। वही स्थान श्री राम की जन्मस्थली अयोध्या है। और इस स्थल का पूर्ण रूद्र कर सकते हैं।
अयोध्या में राम जन्मभूमि पर बाबर के सेनापति मीरबाकी के मस्जिद बनाने के 330 साल बाद 1858 में राम मंदिर के लिए लड़ाई कानूनी शुरू हुई थी। हालांकि, मंदिर के लिए मुहिम आजादी के बाद तेज हुई। देश के आजाद होने के दो साल बाद 22 दिसंबर 1949 को ढांचे के भीतर गुंबद के नीचे मूर्तियों का प्रकटीकरण हुआ। इस घटना के बाद इलाके में कानून व्यवस्था की स्थिति गड़बड़ हो गई थी। 29 दिसंबर 1949 को फैजाबाद की एक अदालत ने बढ़ते सांप्रदायिक तनाव को नियंत्रित करने के लिए इस स्थल को सरकार को सौंप दिया। कुछ ही समय बाद विवादित परिसर में ताला लग गया। जब यह सब कुछ हुआ, उस समय देश के प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू थे।
राम जन्मभूमि को लेकर लड़ी जा रही कानूनी लड़ाई को सबसे बड़ी हवा मिली पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के कार्यकाल में। जब फरवरी 1986 में राजीव सरकार ने परिसर का ताला खुलवाया था। कहा जाता है कि केंद्र सरकार के कहने पर अयोध्या में स्थानीय प्रशासन के प्रतिनिधि व्यक्तिगत रूप से फैजाबाद में जिला न्यायालय के समक्ष उपस्थित हुए और मुख्य न्यायालय से ताला हटाने की बात कही। अंतः फरवरी 1986 में ताले खोले गए और परिसर में पुजारियों को पूजा पाठ की अनुमति दे दी गई।
अयोध्या की खोज
Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या की खोज प्राचीन काल में राजा विक्रमादित्य ने खोज किया था। लेकिन बाद में बाबर के सेनापति मीर बाकी ने मंदिर को तोड़कर मस्जिद का निर्माण करवाया। जिसके बाद से यहां पर मुगल सेना नमाज अदा करने लगी। फिर राजस्थान के राजा ने मस्जिद के बगल में राम चबुतरा का निर्माण करवाया। जिसके बाद यहां हिंदू राम चबुतरे पर पूजा करते थे और मुस्लमान मस्जिद में नमाज पढ़ते थे। इसके बाद अंग्रेजों ने इस मस्जिद का एएसआई जांच करवाया। जिसमें वहां मंदिर का होने का निशान मिला था। जांच में एएसआई टीम को मस्जिद के पाया में फूल और मंदिर के अंश मिले थे। जिसके बाद यह मुद्दा न्यायालय में गया। जहां 2019 में उच्चतम न्यायालय से आदेश के बाद इस मंदिर का निर्माण किया गया। 22 जनवरी 2024 को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के द्वारा उद्घाटन किया जाएगा।
Ayodhya Ram Mandir राम मंदिर का डिजाइन
Ayodhya Ram Mandir: मंदिर के डिजाइन बनाने के लिए चंद्रकांत सोमपुरा को 1992 साल में नियुक्त किया गया था। चंद्रकांत सोमपुरा ने बताया है कि नागर शैली में बनाए जा रहे हैं इस मंदिर का प्रवेश द्वारा पूर्व की ओर बनाया जाएगा जो गोपुरम शैली में होगा। राम मंदिर की ऊंचाई 161 फीट ऊंचा है। मंदिर में 2100 किलो का एक बड़ा सा घंटी लगाया गया है। जिसका 5 फुट चौड़ा और 6 फुट ऊंचा है। इसके अलावा मंदिर में 6 से अधिक छोटे घंटी भी लगाए गए हैं। जिसका वजन लगभग 250 से 400 सौं किलो का होगा।
अयोध्या राम मंदिर की महत्वपूर्ण जानकारी
Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या राम मंदिर का उद्घाटन 22 जनवरी 2024 को प्रधानमंत्री के द्वारा उत्तर प्रदेश में अयोध्या राम मंदिर का उद्घाटन 11:00 बजे से 1:00 बजे के बीच किया जाएगा। राम मंदिर उद्घाटन के समय वहां पर आम जनता का भीड़ उपस्थित नहीं कराया जाएगा। आम जनता से अनुरोध है कि वह अपने घर पर ही टीवी, मोबाइल के माध्यम से घर पर ही आराम से देख सकते हैं। उद्घाटन के बाद ही जनता राम मंदिर में जा सकते हैं। 22 जनवरी 2024 को उत्तर प्रदेश के इस छोटे से शहर में बहुत ही अधिक भीड़ होगी।
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Frequently Asked Questions
Q.अयोध्या में राम मंदिर की खोज किसने की।
Ans. अयोध्या में राम मंदिर की खोज विक्रमादित्य ने की।
Q.अयोध्या में राम मंदिर की ऊंचाई कितनी है?
Ans.अयोध्या में राम मंदिर की ऊंचाई 161 फीट ऊंचा है।
Q. राम मंदिर कब गिराया गया था?
Ans. राम मंदिर 6 दिसंबर 1992 को गिराया गया ।